ऐसा कभी न करना
ऐसा कभी न करना
थोड़ा सा शक,रूप बदलेगा क्रोध में
खुशियों का फूल,जलादोगे पल भर में
गलतफहमी मत रखना अपने दिमाक में
देर नही लगती है,घर बर्बाद होने में
सारी उमर गुजारोगे पछतावे में
ऐसा कभी न करना।
हमारी ये दोनों आंखें
हमें सारी दुनिया की सैर कराती है
रंक से राजा और राजा से रंक
पल में ही हैसियत बदलते देखा है सभी ने
अपनी लक्ष्य प्राप्ति के लिए
दूसरे जीव की बलि चढ़ाना पाप है
ऐसा कभी न करना।
सोचो अगर इस दुनिया में
कोई नियम या कानून न होता
सुर दुर्लभ मानव तन पाकर,क्या आदमी
इस कलयुग में अपराध करने से डरता
नशा ही है सभी अपराधों की जड़
और मौत को है जैसे दावत देना
ऐसा कभी न करना।
कथा महाभारत की है सज्जनों
द्वापर युग की गाथा है बड़ी पुरानी
भाई जैसा कोई हितैषी नही
और भाई जैसा कोई नहीं है वैरी
घर में हो हर दिन महाभारत
ऐसा कभी न करना।
नूतन लाल साहू
Alka jain
04-Oct-2023 02:17 PM
Nice 👍🏼
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